लोगों के कंप्यूटर की निगरानी के कारणों का खुलासा करने से केंद्र सरकार का इनकार


नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 10 सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 के तहत किसी कंप्यूटर में मौजूद डेटा को हासिल करने का अधिकार देने के कारणों का खुलासा करने से इनकार करते हुए इस सूचना को अत्यधिक गोपनीय करार दिया है.
एक आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इसे अत्यधिक गोपनीय सूचना की श्रेणी में रखा गया है और इसका खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि इसे सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई एक्ट) की धारा 8(1)(ए), 8(1)(जी) और 8(1)(एच) के तहत छूट प्राप्त है. वेंकटेश नायक नाम के एक शख्स ने आरटीआई के ज़रिये उन सभी आधिकारिक रिकॉर्डों की कॉपी मांगी थी जिनमें 10 सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को यह अधिकार दिए जाने के कारणों का उल्लेख है. गौरतलब है कि धारा 8 (1) (ए) ऐसी सूचना का खुलासा नहीं करने से छूट देता है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा, सामरिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, विदेश संबंध को प्रभावित करता हो. द वायर हिन्दी पर प्रकाशित इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें |
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