कृषि क्षेत्र पर खर्च में भारत नेपाल और भूटान से भी पीछे-- नई रिपोर्ट
खेती पर सरकारी धन खर्च करने के मामले में भारत चीन से ही नहीं अपने पड़ोसी नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भी पीछे है.
इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के नये ग्लोबल फूड पॉलिसी रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में भारत में कुल सरकारी व्यय का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा कृषि-क्षेत्र पर व्यय हुआ जबकि भूटान ने अपने कुल सरकारी व्यय का 13.6 प्रतिशत हिस्सा कृषि-क्षेत्र पर खर्च किया
बांग्लादेश के लिए यह आंकड़ा 11.1 प्रतिशत और नेपाल के लिए 9.6 प्रतिशत का है और रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने साल 2013 में अपने सरकारी व्यय का भारत में कुल सरकारी व्यय का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा कृषि-क्षेत्र पर खर्च हुआ.
गौरतलब है कि चीन ने साल 2013 में अपने सरकारी व्यय का 9.5 प्रतिशत कृषि-क्षेत्र पर खर्च किया था और ग्लोबल फूड रिसर्च पॉलिसी रिपोर्ट (2016) के अनुसार चीन द्वारा किया गया यह खर्च क्रयशक्ति समतुल्यता(परचेजिंग पावर पैरिटी) के आधार पर भारत के खर्च से कम से कम साढ़े पांच गुना ज्यादा है.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत खेतिहर उत्पादन की सालाना वृद्धि-दर के मामले में भी अपने कुछ पड़ोसी देशी से पीछे रहा है. मिसाल के लिए, 2008-2013 के बीच श्रीलंका में खेतिहर उत्पादन की औसत सालाना वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रही और नेपाल में 4.5 प्रतिशत जबकि इस अवधि में भारत में खेतिहर उत्पादन की औसत सालाना वृद्धि दर बांग्लादेश के समान 3.3 प्रतिशत रही.
ग्लोबल फूड रिसर्च पॉलिसी रिपोर्ट (2016) के प्रमुख तथ्य--
--- चीन में साल 2009 में खेतिहर सकल घरेलू उत्पाद का 0.50 प्रतिशत कृषिगत शोध और विकास पर खर्च हुआ जबकि भारत में 0.40 प्रतिशत.
---- साल 1990 से 2013 के बीच भारत में कृषि-भूमि की उत्पादकता तकरीबन दोगुनी बढ़ी है जबकि चीन में ढाई गुनी.
----- भारत में साल 2013 में कृषि भूमि की उत्पादकता 1451 डॉलर प्रति हैक्टेयर रही जबकि चीन की 1148 डॉलर प्रति हैक्टेयर.प्रति हैक्टेयर कृषि भूमि के सकल कृषिगत उत्पादन को भूमि-उत्पादकता कहा जाता है.
------ साल 2013 में चीन में प्रति व्यक्ति श्रम की उत्पादकता 1178 डॉलर के बराबर थी जबकि भारत में 951 डॉलर के.
----- साल 2013-14 में भारत की खेतिहर जीडीपी की सालाना वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत रही जबकि देश की पूरी अर्थव्यवस्था की जीडीपी की सालाना वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत की थी यानी खेतिहर जीडीपी की बढ़वार देश की जीडीपी की बढ़वार से नीचे रही.
------ देश के कृषि-उत्पादन का 70 प्रतिशत हिस्सा छोटी जोत के किसानों का है और भारत में तकरीबन 50 प्रतिशत हिस्से में खेती वर्षा जल पर आधारित है.
इस कथा के विस्तार के लिए देखें निम्नलिखित लिंक---
2016
Global Food Policy Report, IFPRI, please click here to access
Miles to go for achieving food security, Inclusive Media for Change, please click here to access
Farmers' conference demands law for guaranteed income -Vineet Kumar, Down to Earth, 6 April, 2016, please click here to access
Farmers’ meet demands law to guarantee income -KV Kurmanath, The Hindu Business Line, 4 April, 2016, please click here to read more
(पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर साभार- प्राध्यापक डा. अमरेन्द्र की फेसबुक वॉल से) |
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