भुखमरी दूर करने के मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों से भी पीछे है और बीते दो दशकों में भुखमरी से लड़ाई के मोर्चे पर आगे बढ़ने के बावजूद इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना शेष है। विश्व खाद्य दिवस(16 अक्तूबर) से दो दिन पहले प्रकाशित ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2013 नामक रिपोर्ट(देखें नीचे दी गई लिंक)में भोजन की कमी से जूझ रही भारतीय आबादी के बारे में कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा करती है। प्रस्तुत हैं इस रिपोर्ट के कुछ तथ्य-
- साल 2013 में भारत को वैश्विक भुखमरी सूचकांक(जीएचआई)के पैमाने पर 63 वें स्थान पर रखा गया है, साल 2012 में भारत का स्थान इस पैमाने पर 65 वां था। साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था जो साल 2013 में घटकर 21.3 हो गया। भारत अपने पास-पड़ोस के देशों मसलन चीन (जीएचआई अंक: 5.5; स्थान: 6), श्रीलंका (जीएचआई अंक : 15.6; स्थान: 43), नेपाल (जीएचआई: 17.3; स्थान: 49), पाकिस्तान (जीएचआई: 19.3; स्थान: 57) और बांग्लादेश (जीएचआई: 19.4; स्थान: 58) से जीएचआई पैमाने पर बहुत पीछे है।
• ग्लोबल हंगर इंडेक्स में तीन सूचकांकों का ध्यान रखा जाता है: भोजन की कमी के शिकार लोगों का अनुपात, सामान्य से कम वज़न वाले पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों का अनुपात और पाँच वर्ष की आयु पूरी करने से पहले मृत्यु का शिकार होने वाले बच्चों का अनुपात। 2013 का ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई)में 120 देशों की रैंकिंग की गई है। इन देशों के उपर्युक्त तीनों आंकड़े उपलब्ध हैं।
• किसी देश के जीएचआई अंक के बढ़ने का अर्थ है कि वहां भुखमरी की स्थिति बदतर हो रही है जबकि जीएचआई अंक घटने का अर्थ है कि भुखमरी की स्थिति में सुधार हो रहा है।
• भारत की आबादी में भोजन की कमी झेल रहे लोगों की संख्या साल 1990-1992 में 26.9 फीसदी थी जो साल 2010-12 में घटकर 17.5 फीसदी हो गई। सामान्य से कम वज़न वाले पाँच साल से कम आयु वाले बच्चों की संख्या भारत में साल 1988-1992 में 59.5 फीसदी थी जो साल 2008-12 में घटकर 40.2 फीसदी हो गई। साल 1990 में पाँच साल से कम आयु में मृत्यु का शिकार होने वाले बच्चों की तादाद भारत में 11.4 फीसदी थी जो साल 2011 में घटकर 6.1 फीसदी हो गई।
• कुल 19 देश ऐसे हैं जहां भुखमरी की समस्या अब भी अत्यंत खतरनाक या फिर खतरनाक स्तर तक है। ऐसे ज्यादातर देश अफ्रीका महादेश(दक्षिणी हिस्से) में है। हैती,यमन तिमोर-लिस्टी जैसे देश इसके अपवाद हैं। भारत में ऐसे देशों की सूची में नहीं है।
• 2013 में दक्षिण एशिया का जीएचआई अंक सर्वाधिक रहा, हालांकि इलाके में 1990 के बाद से जीएचआई अंक के मामले में तेजी से कमी आई है और पहले की तुलना में 11 अंकों की गिरावट देखी जा सकती है जो कि प्रतिशत पैमाने पर 34 अंकों की गिरावट है।
• विश्व में भोजन की कमी झेल रहे लोगों की संख्या अप्रत्याशित रुप से बहुत अधिक है: साल 2010-2012 में विश्व के 87 करोड़ लोग भोजन की भारी कमी के शिकार थे और एफएओ के अनुसार 2011-13 में ऐसे लोगों की संख्या घटने के बावजूद 84 करोड़ 20 लाख के करीब है।
• वैश्विक जीएचआई अंक में 1990 से 2013 के बीच 34 फीसदी की गिरावट आई है। साल 1990 में वैश्विक जीएचआई अंक 20.8 था जो साल 2013 में घटकर 13.8 हो गया।
• भुखमरी कम करने के मामले में वैश्विक स्तर पर 1990 के दशक से प्रगति हुई है। अगर मंदी के प्रभावों को कम किया जा सका तो फिर 2015 तक दुनिया में भोजन की कमी झेल रहे लोगों की संख्या को 50 फीसदी घटाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। फिलहाल दुनिया में हर आठवां व्यक्ति भुखमरी से पीडित है।
इस कथा के विस्तार के लिए कृपया निम्नलिखित लिंक चटकायें-
Global Hunger Index 2013-The Challenge of
Hunger: Buildng Resilience to achieve food and nutrition security (published in
October 2013), brought out by International Food Policy Research Institute,
Concern Worldwide, Welthungerhilfe and Institute of Development Studies
http://www.im4change.org/siteadmin/http://www.im4change.or
ghttps://www.im4change.org/siteadmin/tinymce///uploaded/
GHI%202013.pdf
NSS 66th Round Report titled: Perceived
Adequacy of Food Consumption in Indian Households (February, 2013) July
2009-June 2010, MoSPI, GoI, http://mospi.nic.in/Mospi_New/upload/nss_report_547.pdf
NSS 66th Round Report titled: Public
Distribution System and Other Sources of Household Consumption (July 2009-June
2010), MoSPI
http://mospi.nic.in/Mospi_New/upload/nss_report_545.pdf
UNICEF report: Improving Child Nutrition: The
achievable imperative for global progress (April, 2013),
http://www.unicef.org/publications/files/Nutrition_Report_
final_lo_res_8_April.pdf
Child's World Miserable: Highest under-5
Mortality, http://www.im4change.org/news-alerts/childs-world-miserabl
e-highest-under-5-mortality-17147.html
Save the Children from Hunger and
Malnutrition, http://www.im4change.org/news-alerts/save-the-children-fro
m-hunger-malnutrition-13851.html
India accounts for 22 percent of Global
Maternal Deaths, http://www.im4change.org/news-alerts/india-accounts-for-22
-per-cent-of-global-maternal-deaths-504.html
Richer States, Poorer Performance, in
reducing Malnutrition, http://www.im4change.org/news-alerts/richer-states-poor-pe
rformance-in-reducing-malnutrition-122.html
Climate Change will worsen child
malnutrition, http://www.im4change.org/news-alerts/climate-change-will-w
orsen-child-malnutrition-666.html