बीते साल (2013) प्रसव के दौरान दुनिया में 2 लाख 89 हजार माताओं की जान गई जिसमें 50
हजार माताएं अकेले भारत से हैं।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की नई रिपोर्ट ट्रेन्डस् इन मैटरनल
मोर्टालिटी एस्टीमेटस् 1990
टू 2013 के अनुसार यह
संख्या प्रसव के दौरान मृत्यु का शिकार होने वाली कुल महिलाओं की संख्या का 17 प्रतिशत है और मातृ-मृत्यु दर के मामले में भारत पड़ोसी बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और चीन से पीछे है।(कृपया रिपोर्ट के लिए देखें नीचे दी गई
लिंक)
संयुक्त राष्ट्रसंघ की रिपोर्ट के अनुसार भारत का नवीनतम
मातृ मृत्यु दर(एमएमआर-
मैट्रनल मोर्टालिटी रेशियो) 100000 शिशुओं(जीवित) के
जन्म पर 190 है जबकि भारत के पड़ोसी देश इस मामले
में कहीं बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। मिसाल के लिए, रिपोर्ट के
अनुसार बांग्लादेश का एमएमआर साल 2013 के लिए 170 और चीन का 32 है। ( देखें तालिका 1).
तालिका 1: विभिन्न देशों के
मातृ-मृत्यु दर की आपसी तुलना( साल 1990 से 2013)
1990 1995 2000
2005 2013
भारत 560
460 370 280 190
बांग्लादेश 550 440 340 260 170
चीन 97
76 63 50 32
पाकिस्तान 400
330 280 230 170
श्रीलंका 49
71 55 41 29
द.एशिया 550 460 370
280 190
विश्व 380 360 330 270 210
प्रति एक लाख जीवित शिशुओं के जन्म पर भारत में मातृ-मृत्यु दर रिपोर्ट के अनुसार दशकवार घट रही है और 1990 से 2013 के बीच इसमें
तकरीबन 65 प्रतिशत की कमी आई है। साल 1990 में मातृ-मृत्यु दर 560 थी, 1995 में 460 और साल
2000 में 370। 2005 में भारत में मातृ-मृत्यु दर 280
पर पहुंची जबकि 2013 के लिए रिपोर्ट में यह संख्या 190 बतायी गई
है।
रिपोर्ट से एक बार फिर इस बात की पुष्टी हुई है कि
ग्रामीण इलाकों और समाज के
वंचित तबके के बीच मातृ-मृत्यु दर ज्यादा है। रिपोर्ट में इस बात की तरफ भी ध्यान दिलाया गया है कि उम्रदराज
स्त्रियों की तुलना में किशोरवय या कम उम्र में मां बनने वाली स्त्रियों के लिए प्रसवजनित जटिलताओं के कारण मृत्यु की आशंका ज्यादा रहती है।
रिपोर्ट में प्रसवजनित कारणों का उल्लेख करते हुए कहा
गया है कि प्रसवकालीन
मातृ-मृत्यु के 80 प्रतिशत मामलों में मुख्य वजह प्रसव
के दौरान अत्यधिक
रक्तस्राव, गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप
तथा असुरक्षित गर्भपात है। मातृ-मृत्यु
के शेष मामलों में मलेरिया और एड्स जैसे कारणों को गिनाया गया है और कहा गया है कि कुशलतापूर्व देखभाल के जरिए
प्रसूता तथा नवजात की जिन्दगी
को ज्यादातर मामलों में बचाया जा सकता है।
इस कथा के विस्तार के लिए कृपया देखें निम्नलिखित लिंक-
Trends in maternal mortality estimates 1990
to 2013, The United Nations
Maternal mortality, World Health
Organization
State of World’s Children 2009, UNICEF
Maternal Mortality down but nowhere close to
MDG target
India accounts for 22 per cent of global maternal deaths
India sees most maternal deaths: UN, IANS, The Business
Standard, 7 May, 2014, http://www.im4change.org/latest-news-updates/india-sees-mo
st-maternal-deaths-un-24950.html
UN study shows decrease in maternal deaths, The Hindu, 7
May, 2014,
http://www.im4change.org/latest-news-updates/un-study-show
s-decrease-in-maternal-deaths-24949.html
India saw 50,000 maternal deaths in 2013-Nikita Mehta, Live
Mint, 6 May, 2014, http://www.im4change.org/latest-news-updates/india-saw-500
00-maternal-deaths-in-2013-nikita-mehta-24938.html
India has highest number of maternal deaths -Tabassum
Barnagarwala, The Indian Express, 7 May, 2014, http://www.im4change.org/latest-news-updates/india-has-hig
hest-number-of-maternal-deaths-tabassum-barnagarwala-249
37
.html
Maternal death rates fall but chronic diseases increase
pregnancy risk, The United Nations, 6 May, 2014, http://www.im4change.org/latest-news-updates/maternal-deat
h-rates-fall-but-chronic-diseases-increase-pregnancy-ris
k-
un-agency-24936.html
(चित्र साभार- http://www.unicef.org/india/Lead-photo_MG_3478.jpg)
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