असम के आंगनवाड़ी केंद्रों में 14 लाख फर्जी बच्चे : मेनका गांधी

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published Published on Aug 24, 2018   modified Modified on Aug 24, 2018
असम में आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के 14 लाख फर्जी नाम पाए गए हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। असम सरकार ने जून में एक अभियान चलाया था जिसके तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में मौजूद बच्चों की संख्या का भौतिक सत्यापन किया गया। जब उसका पंजीकृत बच्चों की संख्या से मिलान किया गया तो करीब 14 लाख बच्चे कम मिले।


मंत्री ने कहा कि खाद्य वितरण प्रणाली में कई खामियां पाई गईं हैं। उन्होंने सभी राज्य सरकारों को उन बच्चों की संख्या सत्यापित करने का निर्देश दिया जिन्हें वाकई भोजन की जरुरत है। सितंबर महीने के पोषण अभियान से पहले एक कार्यक्रम में गांधी ने कहा कि जिस रकम की हेराफेरी की जा रही है, उसका उपयोग आसानी से बच्चों के कल्याण के लिए किया जा सकता है। पोषण महीने के तहत सरकार पोषण केंद्रित कई कार्यक्रम चलाने वाली है।


एक अधिकारी के अनुसार प्रत्येक बच्चे के प्रतिदिन के भोजन के लिए मंत्रालय 4.8 रुपये और राज्य सरकार 3.2 रुपये देती है। गणना के बाद पता चला कि फर्जी नाम के जरिये असम में प्रतिमाह 28 करोड़ रुपये की चोरी की जा रही थी।


संदिग्ध बाल देखभाल संस्थाएं बंद होंगी


देशभर में बाल देखभाल संस्थाओं को लेकर सख्त नजर आ रही सरकार ने अब ऐसे संस्थानों को चेतावनी दी है जो पंजीकृत होने के बावजूद निगरानी प्रक्रिया के दायरे से बाहर हैं।


इन संस्थानों को देखभाल व विशिष्ट दत्तक ग्रहण एजेंसियों से जोड़ने को कहा गया है। जो संस्थान इस एजेंसी से नहीं जुड़ेंगे उनका पंजीकरण रद्द होगा। देश के अलग-अलग हिस्सों से अवैध रूप से बच्चों को गोद लेने की शिकायत और बाल तस्करी की घटनाओं के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है।


सरकार के पास सूचना के मुताबिक देशभर में करीब सात हजार बाल देखभाल संस्थाओं में से केवल 2300 के आसपास संस्थान ऐसे हैं जो विशिष्ट दत्तक ग्रहण एजेंसियों से जुड़े हुए हैं। सरकार ने इन निर्देशों पर कठोरता से अमल करके राज्यों से स्टेटस रिपोर्ट भी देने को कहा है।


सरकार ने स्पष्ट किया है कि जेजे अधिनियम 2015 की धारा 41 के अंतर्गत सभी संस्थान जो देखभाल और सुरक्षा के लिए जरुरतमंद बच्चों को आंशिक या पूर्ण रूप से रखते हैं उन्हें कानून के अंतर्गत पंजीकरण कराना होता है।


इसके अलावा ऐसे संस्थाओं को निगरानी के दायरे में रखने के लिए इन्हें विशिष्ट दत्तक ग्रहण एजेंसी से जोड़ने की व्यवस्था की गई है। यह एजेंसी बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया और बाल देखभाल की प्रक्रिया पर नजर रखती है।


https://www.livehindustan.com/national/story-14-lakh-fake-children-in-anganwadi-centers-of-assam-says-maneka-gandhi-2138597.html


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