किसानों की खुशहाली का कारगर रोडमैप- जयंतीलाल भंडारी

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published Published on Jan 3, 2019   modified Modified on Jan 3, 2019
नये वर्ष 2019 की शुरुआत से ही देश की अर्थव्यवस्था के परि²दृश्य पर किसानों की कर्ज मुक्ति और विभिन्न उपहारों के लिए बड़े-बड़े प्रावधान दिखाई देने की संभावनाओं से कृषि और किसानों की खुशहाली दिखाई देगी। केन्द्र सरकार लघु एवं सीमांत किसानों की आय में कुछ बढ़ोतरी करने की नई योजना भी ला सकती है। तीन राज्यों में किसानों की कर्ज माफी के वचन से कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद अन्य प्रदेशों की सरकारों और केन्द्र सरकार पर भी किसानों के कर्ज को माफ करने का दबाव बना है। वर्ष 2019 में नीति आयोग के द्वारा कृषि अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के लिए जो न्यू इंडिया रणनीति जारी की गई है, उसके कार्यान्वयन से कृषि और किसान लाभांवित होंगे। निश्चित रूप से आवश्यक वस्तु अधिनियम को नरम करने, अनुबंध खेती को बढ़ावा देने, बेहतर मूल्य के लिए वायदा कारोबार को प्रोत्साहन देने, कृषि उपज की नीलामी के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य लागू करने, शीतगृहों के निर्माण में वित्तीय सहायता देने जैसे कदमों से कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।


वर्ष 2019 से नई कृषि निर्यात नीति लागू होने से किसानों व कृषि क्षेत्र को काफी लाभ होंगे। इसके तहत कृषि निर्यात को मौजूदा 30 अरब डॉलर के मूल्य से बढ़ाकर 2022 तक 60 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचाने और भारत को कृषि निर्यात से संबंधित दुनिया के 10 प्रमुख देशों में शामिल कराने का लक्ष्य रखा गया है। नई कृषि निर्यात नीति में खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, दूध, चाय, कॉफी जैसी वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने और कृषि उत्पादों के ग्लोबल ट्रेड में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने पर फोकस किया गया है। इसके अलावा कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने, प्रोडक्ट के मानक तय करने जैसे कदम भी बताए गए हैं। निर्यात बढ़ाने के लिए राज्य स्तर पर विशेष क्षेत्र बनाए जाएंगे और बंदरगाहों पर विशेष व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए सरकार ने 1,400 करोड़ रुपये के निवेश का प्रावधान किया है। यद्यपि कृषि निर्यात को आगामी चार वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इस समय भारत में कृषि निर्यात की विभिन्न अनुकूलताओं के कारण इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।


वर्ष 2017-18 में देश में रिकॉर्ड कृषि उत्पादन हुआ है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। भैंस के मांस, पालतू पशुओं और मोटे अनाज के मामले में भी भारत सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत का फलों और सब्जियों के उत्पादन में दुनिया में दूसरा क्रम है। इस समय देश में 6.8 करोड़ टन गेहूं और चावल का भंडार है। यह जरूरी बफर स्टॉक के मानक से दोगुना है। चीनी का उत्पादन चालू वर्ष में 3.2 करोड़ टन होने की उम्मीद है जबकि देश में चीनी की खपत 2.5 करोड़ टन है। देश में फलों और सब्जियों का उत्पादन मूल्य 3.17 लाख करोड़ रुपए वार्षिक हो गया है।


नई कृषि निर्यात नीति में सरकार के द्वारा कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए जो विशेष प्रोत्साहन के संकेत दिए गए हैं, उनसे मूल्यवर्धित कृषि निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कृषि निर्यात की प्रक्रिया मध्य खराब होने वाले सामान, बाजार पर नजर रखने के लिए संस्थापक व्यवस्था और साफ-सफाई के मसले पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा। निर्यात किए जाने वाले कृषि जिंसों के उत्पादन व घरेलू दाम में उतार-चढ़ाव पर लगाम लगाने के लिए कम अवधि के लक्ष्यों तथा किसानों को मूल्य समर्थन मुहैया कराने और घरेलू उद्योग को संरक्षण दिया जा सकेगा। साथ ही कृषि निर्यात को प्रोत्साहनों के द्वारा राज्यों की कृषि निर्यात में ज्यादा भागीदारी, बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स में सुधार और नए कृषि उत्पादों के विकास में शोध एवं विकास गतिविधियों पर जोर दिया जा सकेगा।
वर्ष 2019 में खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) की भी नई संभावनाएं आकार ग्रहण करेंगी। उल्लेखनीय है कि विश्व प्रसिद्ध शिकागो की अकाउंटिंग कंपनी ग्रांट थॉर्टन के द्वारा भारत में खाद्य प्रसंस्करण की चमकीली संभावनाओं पर प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट को पूरी दुनिया में गंभीरतापूर्वक पढ़ा जा रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से भारत में किसानों की आय में भारी सुधार के साथ-साथ रोजगार वृद्धि की चमकीली संभावनाएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2024 तक भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 33 अरब डॉलर के नए निवेश और 90 लाख नए रोजगार अवसर सृजित होने की संभावनाएं हैं। इसी तरह पिछले दिनों नीति आयोग ने भी भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव और रोजगार वृद्धि नामक रिपोर्ट में कहा है कि किसानों को फसल के अच्छे मूल्य के लिए सीधे कारखानों से जोड़ने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार वृद्धि के लिए खाद्य प्रसंस्करण सबसे उपयुक्त क्षेत्र है। वस्तुत: खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र कृषि और विनिर्माण दोनों क्षेत्रों का महत्वपूर्ण घटक है। जहां खाद्य प्रसंस्करण कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने में मदद करता है। वहीं इसकी बदौलत फसल उत्पादन में वृद्धि और उसका मूल्यवर्धन होता है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से उपज का अधिकतम इस्तेमाल हो पाता है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और महिलाओं के रोजगारपरक क्षेत्रों में अहम है। विनिर्माण क्षेत्र में पूंजी गहन उत्पादन को तरजीह तथा स्वचालन, रोबोट, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे उभरती प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तन से रोजगार के खतरे को देखते हुए बड़ी संख्या में कार्यबल को रोजगार देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की आवश्यकता बढ़ गई है।


दरअसल, हमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए नई प्रौद्योगिकी और आपूर्ति शृंखला तंत्र में निवेश की जरूरत है। खेत से खाने की मेज तक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में जो बड़ी बर्बादी होती है उसे बचाने की नई रणनीति जरूरी है। सरकार के द्वारा चिन्हित फूड पार्क को विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधाओं, शोध सुविधाओं, परीक्षण प्रयोगशालाओं, विकास केंद्रों और परिवहन लिंकेज के साथ मजबूत बनाना होगा। बेहतर खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता प्रमाणन व्यवस्था, तकनीकी उन्नयन, लॉजिस्टिक सुधार, पैंकेजिंग गुणवत्ता और ऋण तक आसान पहुंच की मदद से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आमूल बदलाव लाया जा सकता है। देश के खाद्य प्रसंस्करण निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक मूल्य-शृंखलाएं स्थापित करने के मद्देनजर ढांचागत और संस्थागत सहायता आवश्यक होगी।


खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के आकार और बढ़ोतरी की संभावनाओं के बीच इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश प्राप्त किए जा सकेंगे। आशा करें कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें नए वर्ष में कृषि और किसानों की कर्ज मुक्ति व किसानों की आय वृद्धि के उपाय करेंगी, जिससे किसानों की खुशहाली बढ़ेगी। मगर ध्यान रहे इससे अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र विकास में आ रही बाधाओं को दूर करेगी और इस क्षेत्र में दिखाई दे रही वृद्धि की अपार संभावनाओंं को साकार करने की डगर पर आगे बढ़ेगी।

लेखक ख्यात अर्थशास्त्री हैं।


https://www.dainiktribuneonline.com/2019/01/%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%96%E0%A5%81%E0%A4%B6%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%95


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