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जमैका के सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ के फैसले के ज़रिये आधार जैसी योजना को ख़ारिज किया

जमैका की सुप्रीम कोर्ट ने भारत के आधार जैसे ही ‘राष्ट्रीय पहचान और पंजीकरण अधिनियम' को गैर कानूनी करार देते हुए इसे खारिज कर दिया. खास बात ये है कि जमैका की कोर्ट ने इस फैसले में आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा दिए गए डिसेंट (विरोध में दिया गया निर्णय) फैसले को उल्लेख किया है.

मालूम हो कि 26 सितंबर 2018 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट के कुछ प्रावधानों को खारिज करते हुए इसे संवैधानिक रूप से वैध बताया था. इस मामले पर फैसला देने वाली पांच जजों की संविधान पीठ में शामिल जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने विरोध में फैसला लिखा और आधार को असंवैधानिक करार दिया था.

जमैका की सरकार ने राष्ट्रीय पहचान प्रणाली (एनआईडीएस) विकसित की थी. इसका उद्देश्य जमैका के नागरिकों के व्यक्तिगत पहचान की जानकारी इकट्ठा करना था. एनआईडीएस को 2017 में पास किया गया था, हालांकि अभी तक इसे लागू नहीं किया गया था.

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