सिंदूर से पापड़, लुंगी से लेकर कोल्हापुरी चप्पल तक सब है ‘मेड इन चाइना’- रेम्या नैयर

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published Published on May 22, 2019   modified Modified on May 22, 2019
नई दिल्ली: महिलाओं के सिंदूर से लेकर कोल्हापुरी चप्पलों तक, जिसने दशकों से महाराष्ट्र के इस विख्यात ज़िले को देश के फैशन मैप पर बनाये रखा है.

बच्चों की किताबें जिन्हें बच्चे बिस्तर पर जाने के समय पढ़ते हैं. आज रात के खाने में आपको जो पापड़ दिया जाना हैं., यहां तक कि दक्षिण भारत की कलमकारी ड़िज़ाइन वाले कपड़े हों या बिहार का लोकप्रिय मधुबनी पैटर्न तक सबकुछ आपको आज सस्ते में ऑनलाइन मौजूद है.

मेकअप और ज्वेलरी से लेकर, विग, गुड़िया, बच्चों की किताबें, और प्लास्टिक फर्नीचर से लेकर आप के घर के आस-पास इस्तेमाल होने वाली एक एक वस्तु का नाम लेते हैं - यह सब ‘मेड इन चाइना' होती है.

चीनी सामान भारतीय घरों में भरे परे हैं और यहां तक कि सबसे बुनियादी ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं. यहां तक की वो घरेलू क्षेत्र जहां भारत की छाप थी वहां भी चीन घुस आया है. कांथा कढ़ाई शिल्प से, लुंगी, धोती और ज़री साड़ी तक सभी में चीन की दखल बढ़ चुकी है.

चाहे स्टेशनरी हो या प्रसाधन का सामान, चीनी माल सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में किराने की दुकानों में तेज़ी से फ़ैल रहे हैं.


द प्रिन्ट हिन्दी पर प्रकाशित इस कथा को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


https://hindi.theprint.in/india/economy/sindoor-to-papad-lungis-to-kolhapuri-chappals-its-all-made-in-china-today/54594/


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