हर वर्ष लाखों क्विंटल बीज का भंडारण, लेकिन मांग के अनुरूप वितरण नहीं
रायपुर। छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम प्रदेशभर में किसानों को बीज का वितरण करता है। इसके लिए प्रदेश के 27 जिलों में कुछ 1344 सोसाइटी बनाई गई हैं, जहां मांग के अनुसार खरीफ और रबी फसल के बीजों का भंडारण किया जाता है।
2017-18 में हुए बीज वितररण को देखें तो कई बीजों का वितरण मांग के अनुरूप नहीं हो सका। खरीफ फसल के बीजों की मांग और वितरण में काफी अंतर रहा। अधिकारियों का कहना है कि बदलते मौसम के मिजाज से कई फसलें प्रभावित हुई हैं। बीज निगम प्रति वर्ष सोसाइटियों में लाखों क्विंटल बीजों का भंडारण करता है। खरीफ फसल के लिए लिए अप्रैल से जून का समय निर्धारित होता है। रबी फसल के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक का समय होता है। खरीफ में धान, मक्का, उड़द, मूंग, अलसी के बीज और रबी में गेहूं, ग्रीष्मकालीन धान, चना, मटर, मसूर, तिवरा, तोरिया आदि के बीजों की मांग रहती है। बीज निगम के अध्यक्ष श्याम बैस की मानें तो मौसम की मार से कुछ फसलें प्रभावित हुई हैं। कई बार किसानों की मांग घटती-बढ़ती रहती है। इसलिए लिस्ट में वितरण दर्ज नहींं हो पाया होगा। इन फसलों का वितरण नहीं विभाग से मिले बीज वितरण 2017-18 के आंकडों को देखें तो प्रदेशभर के किसानों के लिए खरीफ और रबी बीज को मिलाकर लगभग 33 बीजों का वितरण सोसाइटियों के माध्यम से करता है। कोदो-कुटकी 535 क्विंटल मांग पर 39 किलो, रागी 260 क्विंटल की मांग पर 1.16 क्विंटल, तिल 340 क्विंटल मांग पर 92 किलो, रामतिल 470 क्विंटल मांग पर 23 किलो, मूंगफली 2460 क्विंटल मांग पर सिर्फ 729 क्विंटल वितरण किया गया। जबकि सूर्यमुखी, कुल्थी, अलसी, सनई और ढेंचा की मांग तो रही, लेकिन वितरण की अपडेट लिस्ट नहीं मिली। |
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