भुखमरी-एक आकलन

भुखमरी-एक आकलन

Share this article Share this article

What's Inside

 खास बात
 

- साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 थासाल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8साल 2005 में  24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6)नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@

-साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१० किलो कैलोरी रह गया।*

-सालाना प्रति व्यक्ति खाद्यान्न उपलब्धता साल १८८७-१९०२ में १९९ किलोग्राम थी जो साल २००२-०३ में घटकर १४१.५० किलोग्राम रह गई।*

-एशिया में प्री-स्कूल संवर्ग के आधे से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं।**

-भारत में किशोर वय की ७२.६ फीसदी बच्चियों में एनीमिया का विस्तार है।***

-साल १९९०-९२ और साल फिर साल १९९० के दशक के मध्यवर्ती सालों में भारत में भुखमरी से निपटने की दिशा में खासी प्रगति हुई मगर १९९५-९७ के बाद यह प्रक्रिया मंद पड़ गई।*#

-उड़ीसा, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और पंजाब(अंशतया) में प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति १८९० किलो कैलोरी से कम उपभोग करने वाली आबादी की तादाद बढ़ी है। "

 
 

@ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2013
* पटनायक उत्सा(2003)- एगरेरियन क्राइसिस एंड डस्ट्रेस इन रुरल इंडिया माइक्रोस्कैन
** मेसन जॉन, हंट, जोसेफ, पार्कर, डेविड एंड जॉनसन, अरबन(१९९९):इंवेस्टिंग इन चाइल्ड न्यूट्रिशन, एशियन डेवलपमेंट रिव्यू।खंड. 17,संख्या-. 1,2, पेज 1-32
*** ११ वीं पंचवर्षीय योजना, योजना आयोग, भारत सरकार
*# एफएओ रिपोर्ट- द स्टेट ऑव फूड इन्सिक्यूरिटी इन द वर्ल्ड-२००८
" रिपोर्ट ऑन द स्टेट ऑव फूड इन्सियक्यूरिटी इन रुरल इंडिया(२००९)-एम एस स्वामीनाथन पाऊंडेशन और वर्ल्ड फूड प्रोग्राम द्वारा तैयार दस्तावेज  
 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close