प्याज बचाने के लिए किसान ने बनाया देसी कोल्ड स्टोरेज

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published Published on Aug 13, 2015   modified Modified on Aug 13, 2015
इंदौर। जिस प्याज के गिरते-चढ़ते भावों से राजनीतिक दलों की कुर्सी हिलने लगती हैं और सरकार की सांसें ऊपर-नीचे होती हैं, उसी प्याज को सड़ने से बचाने के लिए एक आम किसान ने जुगाड़ का कोल्ड स्टोरेज बना डाला। करोड़ों के कोल्ड स्टोरेज से इतर यह देसी कोल्ड स्टोरेज मात्र 35 हजार स्र्पए में तैयार हो गया। मेड इन सेमलिया चाऊ।

 

इंदौर जिले के सेमलिया चाऊ गांव के युवा किसान रंजनजसिंह गौड़ की यह देसी ईजाद हजारों किसानों के लिए फायदे की है। अपने ही घर के तीन हॉल को उन्होंने कोल्ड स्टोरेज का रूप दे रखा है। दस साल से प्याज की खेती कर रहे रंजनसिंह को अक्सर यह मलाल रहता कि बाजार में कभी तो प्याज के भाव ऊंचे हो जाते और कभी बहुत गिर जाते।
इससे अच्छी उपज के बावजूद कई बार घाटा हो जाता और स्टॉक करने पर प्याज सड़ जाती। आखिरकार उन्होंने देसी तरीके से प्याज को अधिक समय तक रखने का उपाय सोचा।
पहले उन्होंने हॉल में फर्श पर प्याज को फैलाकर रखा फिर भी वह खराब हो गई। प्याज सड़ने से फर्श में भी दाग आ गए। ख्याल आया कि यदि प्याज को जमीन से ऊपर रखा जाए और नीचे से हवा भी मिलती रहे तो इसे अधिक समय तक रखा जा सकता है। इस साल उन्होंने पौने दो हेक्टेयर यानी करीब साढ़े सात बीघा में प्याज बोई।
करीब 1 हजार क्विंटल प्याज पैदा हुई। मई में प्याज का भंडारण किया और अगस्त तक भी प्याज ज्यों की त्यों है। इसमें सड़न नहीं लगी। रंजनसिंह ने मई से अब तक 11, 15, 20, 28 स्र्पए से लेकर 34 स्र्पए प्रति किलो के हिसाब से प्याज बेची। अब तक करीब 12 लाख की प्याज बेच चुके हैं।
अभी भी करीब आठ-दस लाख की प्याज बची है। इस तरह उन्होंने करीब 22 लाख का कारोबार किया। रंजनसिंह इस प्रयास का श्रेय पिता भगवानसिंह, इलेक्ट्रिशियन साथी दिनेश पटेल और वेल्डर कमलसिंह चावड़ा को भी देते हैं। इस देसी कोल्ड स्टोरेज में उनका तकनीकी दिमाग भी लगा है।
एग्जॉस्ट फैन और तार की जाली से बुना आइडिया
- रंजनसिंह ने तीन हॉल में कुछ-कुछ दूर पर ईंटें जमाकर बेस तैयार किया। इस पर लोहे के मोटे तार की जाली बिछाई। एक हॉल में दो अलग-अलग जगह लोहे की कोठियां जमाईं।
- कोठियों के तले काट दिए। अब हवा आर-पार हो सकती थी। इनके अंदर एग्जॉस्ट पंखे लगा दिए। अब पूरी जाली पर प्याज का भंडारण कर दिया। इस तरह प्याज का फर्श से संपर्क नहीं रहा।
- एग्जॉस्ट पंखों के जरिये जाली के नीचे प्याज को हवा पहुंचाई गई। इस तरह प्याज को ऊपर से तो हवा मिलती ही थी, नीचे का हिस्सा भी एग्जॉस्ट फैन की हवा से खराब नहीं हुआ।
- ठंडे मौसम में तापमान को मेंटेन करने के लिए वे एक हॉल में दो हैलोजन लैम्प लगाते हैं जिससे गर्मी बनी रहे।
- पिछले पांच साल से वे इस तरीके को आजमा रहे हैं। तीन हॉल में छह एग्जॉस्ट फैन, तार की जाली आदि पर उनका केवल 35 हजार स्र्पए खर्च हुआ था।
- इस तरह बोरे में कुछ दिन तक चलने वाली प्याज अब लगभग पांच माह तक खराब नहीं होती। प्याज का सीजन बीतने पर वे हॉल का दूसरा उपयोग भी कर लेते हैं।
प्राइवेट कोल्ड स्टोरेज में दस गुना खर्च
रंजनसिंह के इस देसी कोल्ड स्टोरेज में बिजली का करीब 6 हजार स्र्पए खर्च हो रहा है, जबकि इसी प्याज को निजी कोल्ड स्टोरेज में रखा जाए तो करीब 65 हजार स्र्पए खर्च आएगा। इस तरह निजी कोल्ड स्टोरेज में प्याज रखना 10 गुना से अधिक महंगा है।

 

 


इनका कहना है
सेमलिया चाऊ गांव के किसान रंजनसिंह द्वारा प्याज को बचाने के लिए तैयार किया गया जुगाड़ का कोल्ड स्टोरेज सराहनीय प्रयास है।
- श्यामसुंदर गुप्ता, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी

 


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