कोरोना वायरसः कितने गंभीर हैं मौजूदा हालात?


-बीबीसी, रविवार को भारत में कोविड-19 संक्रमण के 44,413 नए मामले दर्ज किए गए हैं. साथ ही इस वायरस से मरने वालों की संख्या 511 रही. बीते पाँच दिनों में पहली बार संक्रमितों की संख्या 45 हज़ार से कम रही है. रविवार को देश में अब तक कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 91 लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं. साथ ही इस महामारी से मरने वालों की तादाद 1.34 लाख के क़रीब पहुँच गई है. पिछले कुछ हफ़्तों से देश में कोरोना के मरीज़ों की तादाद में अचानक से बढ़ोतरी शुरू हुई है. त्योहार के सीज़न के साथ ही अक्तूबर और नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव और कई दूसरे राज्यों में उपचुनाव भी हुए हैं. बिहार चुनावों में रैलियों में उमड़ी भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने जैसे कोविड-19 के नियमों की कोई परवाह नहीं दिखी. सर्दियों का आगमन भी संक्रमण बढ़ने की एक वजह हो सकती है. त्योहारों के दौरान दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में बाज़ारों में जमकर भीड़भाड़ रही और लोग संक्रमण से बचाव के उपायों की अनदेखी करते दिखाई दिए. तभी से इस बात की आशंका बार-बार जताई जा रही थी कि देश में कोविड-19 के हालात तेज़ी से बिगड़ सकते हैं. कई एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि देश कोरोना की तीसरी लहर से गुज़र रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी राज्य में कोविड मामलों में हो रही तेज़ बढ़ोतरी को तीसरी लहर बता चुके हैं. पब्लिक हेल्थ फ़ाउंडेशन की उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति कुमार कहती हैं, “हम इसे किसी लहर के तौर पर नहीं देखते हैं क्योंकि देश में अलग-अलग वक़्त पर अलग-अलग जगहों पर केस बढ़े या घटे हैं. पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स या महामारी विशेषज्ञों के लिए इन्हें अलग-अलग लहर का नाम देना मुश्किल है.” इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ, गांधीनगर के डायरेक्टर डॉ. दिलीप मावलंकर का मानना है कि सर्दियां, त्योहार और लोगों की लापरवाही, इन वजहों से कोविड-19 में फिर से तेज़ी आई है. वे कहते हैं, “देश के अलग-अलग हिस्सों में यह लहर अलग-अलग चरणों में है. दिल्ली में साफ़तौर पर यह तीसरी लहर है. गुजरात में दूसरी लहर जैसा लग रहा है.” रविवार को दिल्ली में कोविड-19 के 6,746 नए मरीज़ मिले हैं, जबकि इस महामारी से मरने वालों की तादाद 121 रही है. सुप्रीम कोर्ट सख़्त सोमवार को सर्वोच्च अदालत ने कोविड-19 संकट के प्रबंधन और इससे मरने वाले लोगों के शवों की कुव्यवस्था को लेकर संज्ञान लिया. सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि कोविड-19 के हालात से लड़ने के लिए सभी राज्यों को तैयार रहने की ज़रूरत है. कोर्ट ने कहा है कि कोरोना के और बिगड़ने की आशंका है और राज्यों को तत्काल ज़रूरी क़दम उठाने होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के बिगड़ते हालात के लिए गुजरात और दिल्ली सरकारों की खिंचाई भी की है. जस्टिस अशोक भूषण, आर एस रेड्डी और एम आर शाह की बेंच ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से कहा, “दिल्ली में ख़ासतौर पर नवंबर में हालात ज़्यादा बिगड़ गए हैं. आप एक स्टेटस रिपोर्ट दाख़िल कर बताएं कि क्या क़दम उठाए गए हैं.” कोर्ट ने सभी राज्यों को दो दिन के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाख़िल करने के लिए भी कहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. |
प्रवीण शर्मा, https://www.bbc.com/hindi/social-55046211
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