गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर, ब्याज में अधिकतम छूट की नई व्यवस्था लागू


उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को अब अपने ऋण पर ब्याज में अधिकतम छूट मिल सकेगी। राज्य के सहकारी गन्ना विकास समितियों व चीनी मिल समितियों के निबंधक की ओर से इस बाबत एक नई व्यवस्था लागू की गई है।
गन्ना किसानों द्वारा नाबार्ड ऋण की अदायगी पर वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाकर ब्याज अनुदान का पूर्ण लाभ दिए जाने की इस संशोधित व्यवस्था से हर किसान को ऋण पर ब्याज में अधिकतम छूट का लाभ मिल सकेगा। इस व्यवस्था के लागू होने से पूर्व केवल 3.7 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ किसानों को मिल पा रहा था शेष 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ किसानों को इसलिए नहीं मिल पा रहा था क्योंकि समितियों द्वारा वर्ष में केवल एक बार ही ऋण वसूली की डिमाण्ड लगाने के आदेश थे। गन्ना किसानों की समस्या के संज्ञान में आते ही गन्ना आयुक्त / निबंधक सहकारी समितियां ने साहसिक निर्णय लेते हुए सभी सहकारी गन्ना समितियों को निर्देशित किया कि वह गन्ना किसानों के हित के मद्दनेजर वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाए, जिससे ऐसे किसान जो लिए गए कृषि ऋण को समय के अंदर वापसी करना चाहते हैं, उन्हें नाबार्ड ऋण की आदायगी पर मिलने वाली ब्याज छूट का पूर्ण लाभ मिल सके। वर्ष 1994 से नाबार्ड योजना के तहत गन्ना किसानों को उर्वरक, बीज, दवाओं के लिए कृषि ऋण की व्यवस्था गन्ना समितियों के माध्यम से प्रारम्भ की गई। योजना में गन्ना समिति के सदस्य किसानों को उनकी ऋण सीमा के तहत उर्वरक, कीटनाषक, बीज आदि की खरीद करने के लिए ऋण दिया जा रहा है। वर्ष 2011 से राज्य सरकार एवं भारत सरकार के सहयोग से किसानों के हित में यह प्रावधान भी इस योजना में शुरू किया गया कि यदि कोई किसान ऋण की वापसी तय समय में कर देता है तो उसे ब्याज में और अतिरक्ति 4 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। |
https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/lucknow/story-good-news-for-sugarcane-farmers-new-system-of-maximum-relaxation-in-interest-is-applicable-2553098.html
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