5 में से 3 नवजातों को जन्म के समय नहीं मिल पाता मां का दूध

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published Published on Jul 31, 2018   modified Modified on Jul 31, 2018
यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि करीब 7.8 करोड़ यानी पांच में से तीन नवजातों को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान नसीब नहीं हो पाता। इससे उनके बचने और शारीरिक व मानसिक विकास की संभावनाएं कम हो जाती हैं। विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) के पहले जारी रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से अधिकांश नवजातों का जन्म भारत जैसे निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में होता है।

बच्चे के जन्म के बाद का 1 घंटा बेहद महत्वपूर्ण होता है। रिपोर्ट के मुताबिक निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में हर वर्ष जन्म लेने वाले 2.6 करोड़ नवजातों में से 41.5 प्रतिशत को ही जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान मिल पाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तीन वर्ष से कम के 41.5 प्रतिशत बच्चे हैं जिन्हें 2015 में जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराया गया जबकि 2005 में यह आंकड़ा सिर्फ 23.4 प्रतिशत था। इस अवधि में वैश्विक आंकड़ा 37 से बढ़कर 42 प्रतिशत तक पहुंचा।

यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि यास्मिन अली हक ने कहा 'इस मामले में भारत में काफी सुधार आया है। नवजात को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने के आंकड़े एक दशक में दोगुने हो गए हैं। जन्म के समय स्तनपान शिशु के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है।'

हक ने कहा, 'पोषक तत्वों से भरपूर मां के दूध को बच्चे के लिए पहला टीकाकरण भी मानते हैं। मां के दूध में शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढा़ने और शारीरिक व मानसिक विकास करने की जबरदस्त ताकत होती है। इससे वह बीमारियों व संक्रमण से आसानी से लड़ सकता है।'

एम्स की गायनोक्लोजिस्ट डिपार्टमेंट की हेड डॉ. अल्का कृपलानी का कहना है कि मां का दूध जन्म के पहले महीने में मौत और संक्रमण की आशंकाओं को 22 प्रतिशत तक कम कर देता है। बच्चे के जन्म के बाद छह महीनों के दौरान उसे स्तनपान कराया जाना बेहद जरूरी होता है। मां के दूध जितने पोषक तत्व अन्य किसी खाद्य पदार्थ में नहीं होते।


https://www.livehindustan.com/health/story-report-3-in-5-babies-not-breastfed-in-1st-hour-of-life-2099726.html


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