कोरोना वायरस की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था ख़राब हो रही है?

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published Published on Apr 2, 2020   modified Modified on Apr 2, 2020

-बीबीसी,

भारत की राजधानी दिल्ली में रह रहे हज़ारों ग़रीबों में से मोहम्मद आलम एक हैं. वो सरकार की ओर से मिलने वाले राशन के लिए लगने वाली कतार में खड़े हैं. अपने बच्चे को गोद में लिए मोहम्मद आलम सरकारी दाल-चावल मिलने के इंतज़ार में हैं.

जिस फ़ैक्ट्री में वो दैनिक मज़दूरी करते थे वो बंद हो गई है और उनकी आमदनी का ज़रिया भी ठप हो गया है. आने वाले वक़्त में आलम अपने परिवार का पेट कैसे भरेंगे इसकी चिंता उन्हें सता रही है. वो कहते हैं, ''मुझे नहीं पता मैं कैसे रहूंगा. परिवार का पेट भरने के लिए मुझे पैसे उधार लेने पड़ेंगे.''

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उसी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहती हैं कि ''कोई भी भूखा न रहे सरकार इसका प्रयास कर रही है.'' लेकिन जिन कतारों में आलम जैसे लोग खड़े हैं वो बहुत लंबी हैं और खाने की मात्रा पर्याप्त नहीं है.

कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से जिस वक़्त देश में लाखों लोग घरों में हैं और वो ऑनलाइन डिलिवरी सिस्टम का भरपूर फायदा उठा रहे हैं और घर बैठे मनचाही चीज़ें भी हासिल कर पा रहे हैं, उसी वक़्त देश में हज़ारों लोग सड़कों पर हैं और उनके सामने रोज़ीरोटी का संकट है.

यह विकट संकट की घड़ी है. 130 करोड़ आबादी वाले देश में तीन हफ़्तों के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है. लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया है और कारोबार पूरी तरह ठप हैं. बड़ी संख्या में लोग घरों से काम कर रहे हैं और प्रोडक्टिविटी में भारी गिरावट देखने को मिल रही है.

बीते सप्ताह भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आर्थिक उपायों की घोषणा करते हुए कहा था, ''दुनिया भर के देश एक अदृश्य हत्यारे से लड़ने के लिए लॉकडाउन कर रहे हैं.''

कोरोना से पहले ही कमज़ोर थी अर्थव्यवस्था
कोरोना वायरस के भारत में पहुंचने से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था की हालत चिंताजनक थी.

कभी दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था की विकास दर बीते साल 4.7 फ़ीसदी रही. यह छह सालों में विकास दर का सबसे निचला स्तर था.

साल 2019 में भारत में बेरोज़गारी 45 सालों के सबसे अधिकतम स्तर पर थी और पिछले साल के अंत में देश के आठ प्रमुख क्षेत्रों से औद्योगिक उत्पादन 5.2 फ़ीसदी तक गिर गया. यह बीते 14 वर्षों में सबसे खराब स्थिति थी. कम शब्दों में कहें तो भारत की आर्थिक स्थिति पहले से ही ख़राब हालत में थी.

विशेषज्ञों का मानना है कि अब कोरोना वायरस के प्रभाव की वजह से जहां एक ओर लोगों के स्वास्थ्य पर संकट छाया है तो दूसरी ओर पहले से कमज़ोर अर्थव्यवस्था को और बड़ा झटका मिल सकता है.

पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.


अरुणोदय मुखर्जी, https://www.bbc.com/hindi/india-52124203


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