हवा से भी फैलता है कोरोना वायरस? WHO को वैज्ञानिकों का ओपन लेटर
-द क्विंट, दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि नोवेल कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) हवा से भी फैल सकता है. रिसर्च के बाद इन वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को COVID-19 से जुड़ी अपनी सिफारिशों में बदलाव करने को कहा है. WHO इसी बात पर जोर देता रहा है कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से संक्रमित इंसान के खांसने और छींकने के दौरान बाहर निकले रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के जरिए फैलता है और यही ड्रॉपलेट फर्श या दूसरी चीजों की सतह पर गिरते हैं, जिन्हें छूने के बाद आंख, नाक या मुंह को छूने से कोई संक्रमित हो सकता है. WHO का कहना है कि कोरोना वायरस का हवा के जरिए ट्रांसमिशन कुछ मेडिकल प्रक्रियाओं के दौरान ही संभव है, जिसमें एरोसॉल या 5 माइक्रॉन से छोटे ड्रॉपलेट निकलते हैं. वैज्ञानिकों ने कहा है कि संक्रमित इंसान के खांसने या छींकने से निकलने वाले बड़े ड्रॉपलेट के साथ ही उसके सांस छोड़ने के दौरान बाहर आने वाली बेहद छोटी बूंदें भी एक कमरे जितनी दूरी तक हवा में फैल सकती हैं, उससे दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. |
सत्याग्रह, https://fit.thequint.com/hindi/health-news-update/coronavirus-covid-19-airborne-disease-scientists-claim
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