यूपी: किसान का धान न खरीदने के बहाने हजार


-इंडिया टूडे, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पेयजल परियोजना के शुभारंभ के लिए 22 नवंबर को सोनभद्र में थे. पेयजल संकट से निजात मिलने की आस में लगे विंध्यवासी किसानों के सामने फिलहाल धान सुस्त खरीद समस्या पैदा कर रही है. जिले में इस साल 15 अक्तूबर से खरीद शुरू हुई है. धान खरीद के लिए खोले गए 75 क्रय केंद्रों पर एक लाख 15 हजार मीट्रिक टन धान खरीद की जानी है. अभी दो क्रय केंद्र नगवां ब्लॉक के नौडीहा और चतरा ब्लॉक के अतरैलिया पर धान खरीद शुरू नहीं हुआ है. इससे अभी 73 क्रय केंद्रों पर कुल 1,711 किसानों से 98,502 क्विंटल ही धान खरीद हुई है. अकेले राबर्ट्सगंज के हाइडिल मैदान स्थित धान क्रय केंद्र पर 3,700 क्विंटल धान खरीद हुई है. धान क्रय केंद्र के एक प्रभारी बताते हैं, “बेमौसम हुई बारिश की वजह से किसानों का धान भीग जाने से क्रय केंद्रों पर कम किसान धान लेकर पहुंचे, इससे भी धान खरीद प्रभावित हुई है.” जिला खाद्य विपणन अधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि 73 धान क्रय केंद्रों पर अब तक 98,502 क्विंटल धान खरीद की जा चुकी है. नौडीहा और अतरैलिया क्रय केंद्र पर एक-दो दिन में धान खरीद शुरू हो जाएगी. लक्ष्य की तुलना में अब तक 8.57 प्रतिशत धान की ही खरीद हुई है. इटावा के ग्राम खेड़ा हेलू के किसान श्याम सिंह 20 नवंबर को अपना 40 क्विंटल धान लेकर पास के सरकारी खरीद केंद्र पर गए वहां इनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका इसके पश्चात अगले दिन मंडी में 1,200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सारा धान मजबूरन बेचना पड़ा. श्याम सिंह कहते हैं, “सहालग होने से घर में खर्चा ही खर्चा है. सरकारी केंद्रों पर किसानों को इतना दौड़ाया जा रहा है कि वे मजबूर होकर अपना धान मंडी में बेच रहे हैं.” योगी सरकार आम किसानों को फसल की लागत से दो गुना दाम दिलाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन धरातल पर हालात इसके काफी विपरीत नजर आ रहे हैं. धान बेचने के लिए आम किसान परेशान हैं, सरकारी क्रय केंद्रों से उनको वापस कर दिया जाता है. आम किसानों को मजबूर होकर मंडी में सरकारी रेट से करीब पांच-छह सौ रुपये कम दाम पर धान बेचना पड़ रहा है. योगी सरकार ने सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,868 रुपए प्रति क्विंटल जबकि ग्रेड ए धान का 1,888 रुपए प्रति क्विंटल रखा है. प्रदेश सरकार ने इस वर्ष धान खरीद का कुल लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन रखा है. प्रदेश में कुल 4,150 क्रय केंद्र खोले गए हैं और कुल 12 खरीद एजेंसियां धान की खरीद कर रही हैं. मूल्य समर्थन योजना के तहत स्थापित धान क्रय केंद्रों के माध्यम से प्रदेश सरकार ने अबतक 20 प्रतिशत से कुछ अधिक करीब 13 लाख मीट्रिक टन धान किसानों से सीधे खरीदा है. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, पिछले वर्ष इस अवधि की तुलना में इस बार डेढ़ गुना ज्यादा धान की खरीद हुई है. इस योजना से अब तक ढाई लाख किसान लाभान्वित हो चुके हैं और 15 सौ करोड़ रुपए का भुगतान इनके खातों में किया गया है. पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. |
आशीष मिश्र, https://www.aajtak.in/india-today-plus/rajya/story/irregularity-in-paddy-purchase-in-up-1166257-2020-11-23
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