‘खुले में शौच से मुक्त’ राजस्थान में पीएम आवास योजना में बने 50 फीसदी घरों में शौचालय नहीं: कैग


-द वायर, प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के कार्यान्वयन में कमियों का उल्लेख करते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) पाया है कि इस योजना के तहत बने लगभग आधे प्रमाणित घरों में शौचालय नहीं है, जबकि साल 2018 में ही राज्य को ‘खुले में शौच से मुक्त’ घोषित किया गया था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राजस्थान में पीएमएवाई-जी के प्रदर्शन ऑडिट के दौरान कैग ने सात जिलों- बारां, बीकानेर, भरतपुर, दौसा, जोधपुर, टोंक और उदयपुर की 59 ग्राम पंचायतों में योजना के तहत बने 590 घरों का भौतिक सत्यापन किया और पाया कि 290 घरों (49.15 फीसदी) में शौचालय नहीं है. राष्ट्रीय ऑडिटर के इन निष्कर्षों को पिछले हफ्ते राजस्थान विधानसभा में पेश किया गया था. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा साल 2016 में जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने किसी घर को तभी ‘पूर्ण’ माना जाएगा जब उसमें शौचालय बना होगा. इस आवास योजना के लाभार्थियों को स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण, मनरेगा या अन्य योजना के तहत शौचालय मुहैया कराया जाना था. हालांकि अब कैग ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि इन घरों के सत्यापन के बाद भी इसमें शौचालय नहीं बने हैं. ये स्थिति तब है जब पूरे राज्य को साल 2018 में खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है. कैग ने अपने सर्वे में यह भी पाया कि 590 घरों में से सिर्फ 232 घरों (39.32 फीसदी) में बिजली का कनेक्शन था. यानी 358 घरों (60.68 फीसदी) में बिजली कनेक्शन नहीं था. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. |
द वायर, http://thewirehindi.com/137398/rajasthan-pradhan-mantri-awaas-yojna-odf-cag-report-swachh-bharat-mission/
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