आठवीं की अंग्रेजी में 53 और हिंदी में 32 फीसदी छात्र फेल - अनिल ठाकुर
शिमला । राज्य सरकार शिक्षा में गुणवत्ता के दावे कर रही है, हकीकत इस से कोसों दूर है। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे आठवीं कक्षा के छात्रों के अंग्रेजी में बुरे हाल हैं, तो मातृ भाषा हिंदी में भी फिसड्डी है। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) द्वारा करवाए गए एंड लाइन सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आठवीं के बच्चे अंग्रेजी में 53 फीसदी फेल (ई ग्रेड) हैं। हिंदी में 32 फीसदी छात्र पास होने लायक अंक भी नहीं जुटा सके हैं। आलम यह है कि इस कक्षा के छात्रों के साइंस आैर मैथ्स में भी बुरे हाल है।
राज्य सरकार भले ही शिक्षा से स्तर को सरकारी स्कूलों में सुधारने का दावा करती है, लेकिन असलियत कुछ आैर ही बयां करती है। राज्य में सर्व शिक्षा अभियान की आेर से स्कूलों में दिसंबर आैर मार्च महीने में एंड लाइन सर्वे करवाया। इसकी रिपोर्ट विभाग आैर शिक्षकों के माकूल नहीं थी, लिहाजा विभाग आैर सरकार ने रिपोर्ट को महीनों गोपनीय रखा।
इसे बाहर न देने के लिए पूरी तरह से आला अधिकारियों ने निचले आैर मंझले अधिकारियों को खास निर्देश जारी किए थे। भास्कर के हाथ लगी एंड लाइन सर्वे की रिपोर्ट ने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की पोल खोल दी है। हिमाचल में आठवीं कक्षा में एंड लाइन सर्वे में पूरे प्रदेश में साइंस में 22.37 आैर मैथ्स में 37.92 फीसदी छात्र 34 फीसदी अंक भी हासिल नहीं कर सकें। इन्हें परीक्षा में ई ग्रेड दिया गया है। यानि इन सभी के अंक 0 से 34 के बीच है। बोर्ड की परीक्षाएं होती तो, इन्हें फेल घोषित कर पिछली कक्षा में ही रखते, लेकिन नई व्यवस्था में इन सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया।
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http://www.bhaskar.com/news/HIM-SHI-eighth-class-53-in-english-and-32-percent-of-students-hindi-fail-4855318-NOR.html
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