डाउन टू अर्थ , 13, फरवरी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने हाथरस में आलू के लिए बनी कोल्ड स्टोरेज इकाइयों पर अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी है। इस रिपोर्ट में यूपीपीसीबी ने सिफारिश की है कि अमोनिया गैस रिसाव से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन योजना के बिना इन कोल्ड स्टोरेज को नहीं चलाया जाना चाहिए। मामला उत्तरप्रदेश में हाथरस की सादाबाद तहसील का है। इसी को ध्यान में रखते...
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सिद्दीकी कप्पन केस: क्या कहता है एक साल से जेल में बंद कैब ड्राइवर आलम का परिवार
-न्यूजलॉन्ड्री, "हमारी शादी को हुए अभी पूरे दो साल भी नहीं बीते हैं, ये मेरी ज़िंदगी के बहुत खुशगवार लम्हें थे लेकिन उनके जेल जाने के बाद से ज़िंदगी बहुत मुश्किल हो गई है, हर दिन इस आस में रहती हूं कि वे अगली सुनवाई पर रिहा हो जाएंगे, लेकिन नाउम्मीद होकर घर लौट आती हूं. आलम एक ऐसी सजा भुगत रहे हैं जिसकी कोई वजह ही नहीं है" ये शब्द उत्तर...
More »हाथरस ‘सामूहिक बलात्कार’ की घटना का एक साल: गहराता जाति विभाजन, कोर्ट रूम ड्रामा और एक बेटी की यादें
-द प्रिंट, हाथरस में ‘सामूहिक बलात्कार’ की पीड़िता 20 वर्षीय युवती के घर की दीवारों पर उसकी कोई तस्वीर नहीं लगी है. बेटी के शव का जबरन दाह संस्कार किए जाने के दिन मां ने जो साड़ी पहनी थी, वह बरामदे की छत पर टंगी नजर आ रही है. एक तुलसी के पौधे की ओर इशारा करते हुए उसकी मां ने कहा, ‘न्याय मिलने के बाद हम उसकी एक बड़ी तस्वीर बनवाकर लगवाएंगे....
More »नरेन्द्र मोदी का विरोध लंदन में, "मोदी इस्तीफा दो" का बैनर लटकाकर मांगा मोदी का इस्तीफा
-कारवां, 15 अगस्त की सुबह ब्रिटेन के प्रवासी भारतीय के एक दल ने लंदन के वेस्टमिंस्टर ब्रिज में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस्तीफा की मांग वाला बैनर लटका कर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर मोमबत्तियां जलाकर मोदी शासन के पीड़ितों को याद किया. कार्यक्रम के आयोजकों में से एक दक्षिण एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप के मुक्ति शाह ने इस कार्रवाई के बारे में बताया कि “भारत अपना 75वां...
More »आतंकरोधी कानून/राज्य दर्पण/डरो, डरो, जल्दी डरो
-आउटलुक, पता नहीं, बुजुर्ग आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत ने झकझोरा या नहीं, लेकिन अरसे बाद सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह की प्रासंगिकता पर सवाल उठा और कई हाइकोर्टों से यूएपीए, एनएसए जैसे कानूनों के दुरुपयोग पर तीखे फैसले आए तो सुलगते सवाल ज्वाला की तरह फूट पड़े। बेशक, हाल के कुछ वर्षों में असहमति और असंतोष को दबाने की खातिर इन कानूनों के दुरुपयोग के मामले बेहिसाब बढ़े हैं,...
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