पटना। पटना या दिल्ली के बदले एक आदमी अपने गांव में ही अनशन पर बैठ गया है। अन्ना हजारे का नाम लेकर। मुद्दा हजारे वाला ही है। यानी करप्शन पर हमला। आज उस गांव के छह और लोग भी अनशन पर बैठ गये। तैयारी इस बात की चल रही है कि करप्शन से...
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फिर अहम होता व्यवस्था परिवर्तन का मुद्दा- प्रो आनंद कुमार
आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन की बात फिर चल रही है. लेकिन, जब कभी इस तरह के आंदोलनों की बात छिड़ती है, तो बरबस लोकनायक जयप्रकाश नारायण का चेहरा व चिंतन हमारे जेहन में आता है. अमूमन जेपी की शख्सीयत को सत्तर के दशक में उनके द्वारा दिये गये संपूर्ण क्रांति के नारे में ही समेटने की कोशिश होती है. सच यह है कि जेपी ने इस देश...
More »मुठभेड़ ‘चाल’!- राजकुमार सोनी, बृजेश पांडे और प्रखर जैन की रिपोर्ट.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई कथित मुठभेड़ के दौरान 17 नक्सलवादियों को मारने का सीआरपीएफ का दावा समय बीतने के साथ कई सवालों से घिरता जा रहा है. राजकुमार सोनी, बृजेश पांडे और प्रखर जैन की रिपोर्ट. छत्तीसगढ़ के सारकेगुड़ा गांव और उससे जुड़े हुए दो टोलों कोत्तागुड़ा और राजपेटा की पहचान पिछले महीने के आखिरी हफ्ते तक इतनी ही थी कि वर्ष 2005 में जुडूम समर्थकों ने यहां ग्रामीणों के...
More »तीन दिन में 600 ग्रामीणों ने बना डाली 20 किमी सड़क
गोइलकेरा (जमशेदपुर). नक्सलवाद प्रभावित झारखंड के 10 गांवों ने सरकार के आगे हाथ फैलाने बंद कर दिए हैं। इन गांवों के 600 लोगों ने प्रशासनिक मुख्यालय गोइलकेरा तक पहुंचने के लिए बदहाल 20 किलोमीटर सड़क अपने ही दम पर बना ली है। महज तीन दिनों में। नक्सलवादियों के आतंक और सरकारी मशीनरी की उपेक्षा के बीच यह आत्मनिर्भरता का अनूठा उदाहरण है। यह प्रयास गोइलकेरा के सबसे पिछड़े व सुदूरवर्ती पंचायत गमहरिया में...
More »हिंसक प्रतिरोध कितना उचित- हर्षमंदर
बहुतेरी संस्कृतियों में अन्याय के प्रतिरोध को सर्वोच्च मानवीय दायित्व का दर्जा दिया गया है। इसी क्रम में एक बहस सदियों से जारी है और आज भी प्रासंगिक बनी हुई है। यह है अत्याचार और अन्याय के प्रतिरोध में हिंसा की वैधता। सवाल यह है कि अगर राज्यसत्ता के कुछ सशक्त प्रतिनिधि अगर अन्यायपूर्ण हो गए हों तो क्या उनके प्रतिरोध के लिए हिंसा उचित है? दूसरे शब्दों में क्या न्याय के...
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